अमृत महोत्सव पर लोग ढूंढ रहे हैं तुम्हें मेरी तरह। अमृत महोत्सव पर लोग ढूंढ रहे हैं तुम्हें मेरी तरह।
मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतती गईं हम बदलते रहे द... मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतत...
अंजाम-ए-सफर-ए-इश्क़ कुछ इस तरह से हुआ ! अंजाम-ए-सफर-ए-इश्क़ कुछ इस तरह से हुआ !
तुम्हारे साथ बिताई हर मीठी बातो के साथ। तुम्हारे साथ बिताई हर मीठी बातो के साथ।
ख़ामोश धड़कनों में ख़ामोश धड़कनों में
तब ही तुम कलम हो आलस न करो। तब ही तुम कलम हो आलस न करो।